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सूरत बदल गई कभी सीरत बदल गई ,
इंसान की तो सारी हकीकत बदल गई !
पैसे अभी तो आए नहीं पास आपके ,
ये क्या अभी से आप की नीयत बदल गई !!
मंदिर को छौड "मयकदे "जाने लगे हैं लोग ,
इंसा की अब तो तर्ज -इबादत बदल गई !
खाना नहीं गरीब को भर पेट मिल रहा ,
कैसे कहूँ गरीब की हालत बदल गई !!
नफरत का राज अब तो हर सू दिखाई दे ,
पहले थी जो दिलों में महब्बत बदल गई !
देता न था जबाब जो मेरे सलाम का ,
वो हंस के क्या मिला मेरी किस्मत बदल गई !
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-- संजय कुमार गिरी