09 Oct
09Oct

Indian Online shopping store- www.bulava.in
सूरत बदल गई कभी सीरत बदल गई ,

इंसान की तो सारी हकीकत बदल गई !

पैसे अभी तो आए नहीं पास आपके ,

ये क्या अभी से आप की नीयत बदल गई !!

मंदिर को छौड "मयकदे "जाने लगे हैं लोग ,

इंसा की अब तो तर्ज -इबादत बदल गई !

खाना नहीं गरीब को भर पेट मिल रहा ,

कैसे कहूँ गरीब की हालत बदल गई !!

नफरत का राज अब तो हर सू दिखाई दे ,

पहले थी जो दिलों में महब्बत बदल गई !

देता न था जबाब जो मेरे सलाम का ,

वो हंस के क्या मिला मेरी किस्मत बदल गई !

                                      Shop Now


-- संजय कुमार गिरी

कमैंट्स
* ईमेल वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया जाएगा।
I BUILT MY SITE FOR FREE USING