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दिलो से दिलो की खुली बात रखना।
हमारी मुहब्बत में जज्बात रखना।।
मिटा न सके कोई दिले मोहब्बत।
दिलो में दिलो की करामात रखना।।
अभी फासले दरमिया कम न हो तो।
हरिक सांस में तुम सवालात रखना।।
हमारी मुहब्बत से सिकवा नही है।
कभी प्यार में तुम नही रात रखना।
चलो वेधङक रास्तों पर चले हम।
सदा हौसलों की ही बरात रखना।।
जरा मुस्कुरा के तनिक सोच ले अब।
दिलो में ना कोई ख़ुराफात रखना।।
बनावट की दुनिया में सच्ची मोहब्बत।
मिले गर कभी तो हिफ़ाजात रखना।।
जो लिखती हो 'अनु' तुम गजल,गीत,नगमे।
सदा प्रीत की रीत सौगात रखना।।
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- अनुराधा कुमारी "अनु"